जालंधर- डीएवी यूनिवर्सिटी, जालंधर में संकाय के तीन शोधकर्ता – डॉ. माणिक शर्मा, डॉ. राजेश जोशी और डॉ. केशव वालिया – ने एक लगातार दूसरे वर्ष दुनिया के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की प्रतिष्ठित सूची में अपना स्थान बना लिया है। संबंधित क्षेत्रों में असाधारण शोध में योगदान करने वाले रिसर्चर्ज़ की यह सूची स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा प्रकाशित की गयी है।
इन दो प्रतिशत रिसर्चर्ज़ का चयन कठोर मापदंडों पर आधारित था। मापदण्डों में प्रकाशनों की संख्या, जर्नल का इंपेक्ट, साईटेशन और उनके स्कोपस प्रोफाइल से प्राप्त स्कोर शामिल हैं।
डॉ. माणिक शर्मा डीएवी यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइन्स अँड इंजीन्यरिंग के डीन हैं। उन्हें 15 वर्षों से अधिक टीचिंग और रिसर्च का अनुभव है। उनके शोध क्षेत्र मशीन लर्निंग, ऑप्टिमाईज़ेशन तकनीक, स्वास्थ्य सूचना विज्ञान और स्मार्ट सिस्टम है। डॉ. शर्मा व्यवहारिक और मानसिक विकारों के प्रभावी ढंग से निदान और मैनेजमेंट के लिए एक प्रणाली को डिजाइन कर रहे हैं। उन्हें दुनिया के सबसे बड़े तकनीकी पेशेवर संगठन आई ई ई ई के वरिष्ठ सदस्य होने का गौरव प्राप्त है और वह यूरोपियन एलायंस फॉर इनोवेशन के एसोशिएट मेम्बर भी हैं।
मैथेमटिक्स में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजेश जोशी ने सूचना सिद्धांत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में कई शोध पत्र लिखे हैं और अब वह कोडिंग सिद्धांत और फ़ज़ी सेट थेयरी पर कार्य कर रहे हैं।
फ़िज़िक्स में एसोसिएट प्रोफेसर और कॉर्डीनेटर डॉ. केशव वालिया एक समर्पित शोधकर्ता हैं। उनके शोध में लेजर-प्लाज्मा इंट्रेकशन शामिल है।
वाइस चान्सलर डॉ. मनोज कुमार ने रिसर्च के प्रति यूनिवर्सिटी की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए तीनों शोधकर्ताओं को बधाई दी। रजिस्ट्रार डॉ. एस. के. अरोड़ा ने भी इन रिसर्चर्स की उपलब्धियों की सराहना की।