ज़िले में राज्य भर में सबसे कम सिर्फ़ 1.75 प्रतिशत इंतकाल बकाया, बहुत से पैंडिंग केस 45 दिनों की समय सीमा में
अधिकारियों को इंतकालों के समय पर निपटारे को यकीनी बना कर पहले रैक को बरकरार रखने के लिए कहा
जालंधर- डिप्टी कमिशनर घनश्याम थोरी ने आज बताया कि ज़िला जालंधर ने निर्धारित समय सीमा में जायदादों के अधिक से अधिक इंतकालों को यकीनी बना कर और राज्य में सबसे कम बकाया दर को कायम रखते अग्रणी स्थान प्राप्त किया है।
इस सम्बन्धित और ज्यादा जानकारी देते डिप्टी कमिशनर ने बताया कि आधिकारियों की तरफ से ज़िले में 1,21,355 इंतकाल किये गए हैं, जिनमें से सिर्फ़ 2122 इंतकाल सिस्टम में बकाया है,जो कि कुल मामलों का 1.75 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि यह बकाया दर राज्य में सबसे कम है और 90 प्रतिशत पैंडिंग इंतकाल 45 दिनों की समय सीमा में है। उन्होंने बताया कि इस कारगुज़ारी ने जालंधर को इंतकालों को समय पर यकीनी बनाने में बढ़िया प्रदर्शन वाला ज़िला बना दिया है।
डिप्टी कमिशनर ने आगे बताया कि एन.डी.जी.आर.एस. प्रणाली के एकीकरण के बाद अब जायदाद की रजिस्ट्रेशन उपरांत 45 दिनों के अंदर इंतकाल की रजिस्ट्रेशन होना ज़रूरी है। उन्होंने बताया कि इस नयी प्रणाली की शुरुआत के बाद राजस्व आधिकारियों की तरफ से इस समय सीमा के अंदर 1.21 लाख से अधिक इंतकाल दर्ज किये गए है।उन्होंने अधिकारियों को इंतकालों के सभी बकाया मामलों का निपटारा करने के लिए कहा जिससे ज़िले में ज़ीरो पैंडैंसी को यकीनी बनाया जा सके।
ज़िक्रयोग्य है कि ज़िला जालंधर ने ज़िला निवासियों को नागरिक सेवाए मुहैया करवाने में ज़ीरो पैंडेंसी को बरकरार रखने में पहले ही अग्रणी स्थान को कायम रखा हुआ है।उन्होंने कहा कि ज़िला प्रशासन की तरफ से लोगों को सरकारी सेवाए निर्विघ्न और समयबद्ध ढंग के साथ प्रदान करने में कोई कमी बाकी नहीं छोड़ी जायेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि बहुत से बकाया इंतकाल समय सीमा में है और 45 दिनों के समय अंदर इनका निपटारा कर दिया जायेगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि समय सीमा के बाद किसी भी किस्म की पैंडैंसी को सहन नहीं किया जाएगा।