जालंधर : 2 पंजाब एनसीसी बटालियन के तत्वाधान में डीएवी यूनिवसिटी में स्वंतन्त्रता संग्राम के सेनानी उधम सिंह के जन्म दिवस पर श्रदासुमन के साथ 90 वर्षों के संग्राम पर परिचर्चा आयोजित कराई गई। सन 1857 से 1947 तक के स्वंतन्त्रता संग्राम में समाज के सभी वर्गो ने अनेक रूपों में आहुतियां और कुर्बानी दी हैं। डी ए वी यूनिवर्सिटी और लायलपुर खालसा कालेज के एनसीसी कैडेटों ने लेक्चर और परिचर्चा प्रतियोगिताओं में भाग लिया और राष्ट्र की आजादी में सेनानियों के त्याग, बलिदान और विभिन्न आंदोलनों पर अपने विचार व्यक्त किये। श्री उधम सिंह के जन्म दिवस पर लाला लाजपत राय, भगत सिंह, सुखदेव थापर, बाबा गुरदीत सिंह, सोहन सिंह, करतार सिंह, मदन लाल जैसे कई अनगिनत स्वंतन्त्रता सेनानियों के जीवन और उनके राष्ट्र के प्रति समर्पण और बलिदान पर अपने विचार व्यक्त किये।
कर्नल विनोद जोशी कमान अधिकारी 2 पंजाब एनसीसी बटालियन ने बताया 90 वर्षों के संग्राम में तीन पीढ़ियों ने कई आंदोलन, रैली और बलिदान दिये और अंग्रेजों को राष्ट्र से बाहर खदेड़ दिया। इन स्वंतन्त्रता संग्राम के सेनानियों को राष्ट्र हमेशा नमन करता है और उनके त्याग और बलिदान के हम सब हमेशा ऋणी रहेगें। संगरूर जिले में जन्मे सरदार उधम सिंह का असली नाम शेर सिंह था। उन्होंने जलियांवाला बाग की विभत्स हत्याकांड करने का आदेश देने वाले पंजाब के पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ डायर की लंदन में जाकर हत्या की । राष्ट्रवादी श्री उधम सिंह को 31 जुलाई 1940 को फांसी की सजा सुनाई गई । स्वंतन्त्रता संग्राम की परिचर्चा प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सार्जेंट स्मृति कौशल लायलपुर खालसा कॉलेज, दूसरा स्थान पर कॉर्पोरल विमल कुमार सैनी डी ए वी यूनिवर्सिटी और तीसरा स्थान कॉर्पोरल जतिन लायलपुर खालसा कालेज को प्राप्त हुआ। स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानियों के बलिदान से कैडेट हतप्रभ थे। संग्राम के सेनानियों के कार्यक्रम का संचालन डी ए वी यूनिवर्सिटी के लेफ्टिनेट (डा०) अहमद हुसैन एसोसिएट एनसीसी अफसर द्वारा किया गया।