जालंधर- डीएवी यूनिवर्सिटी के फार्मास्युटिकल साइंसेज डिपार्टमेंट ने एक ऑनलाइन कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (एनबीईएमएस) के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में छात्रों को गंभीर परिस्थितियों में सीपीआर के लाभों के बारे में जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों द्वारा कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) तकनीक को प्रदर्शित किया गया। इस दौरान सीपीआर के महत्व और आपात स्थिति के दौरान जीवन बचाने में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला गया। इस सत्र में फार्मेसी और एमएलटी छात्रों को सीपीआर की तकनीकों और प्रोटोकॉल के बारे में बताया गया।
कार्यक्र्म के दौरान स्टूडेंट्स ने एक्स्पर्ट्स से प्रश्न पूछे। यूनिवर्सिटी के वाइस चान्सलर डॉ मनोज कुमार ने कहा कि डीएवी यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स स्वास्थ्य सेवा पेशे की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं। यह सत्र इसी प्रतिबद्धता का प्रमाण था।
फार्मास्युटिकल साइंसेज के डीन डॉ. सुधीर कुमार ने कहा कि यूनिवर्सिटी का उद्देश्य छात्रों को व्यावहारिक कौशल के साथ तैयार करना है। यह गंभीर परिस्थितियों में वास्तविक अंतर पैदा करता है।
यूनिवर्सिटी के कोर्डीनेटर एस पी एस खुराना ने आपात स्थिति में इस जीवन रक्षक कौशल के महत्व को समझाया। उन्होंने सीपीआर, कार्डियक अरेस्ट और दम घुटने से संबंधित विद्यार्थियों की शंकाओं का उत्तर दिया। कार्यक्रम में भाग लेने वाले अन्य संकाय सदस्यों में श्री धर्मेंद्र, श्री नीतीश, श्री राहुल, सुश्री शानुप्रिया, सुश्री सपना और सुश्री शिंजिनी शामिल थे।