जालंधर- जिले में पराली/फसलों के अवशेष जलाने की घटनाओं को जमीनी स्तर पर रोकने और सुपर एस.एम.एस.कंबाइन हार्वेस्टर से धान की कटाई सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा गठित विशेष टीमें फील्ड में तैनात है।
इन टीमों द्वारा आज जिले के विभिन्न गांवों में कंबाइनों के निरीक्षण के दौरान करतारपुर के गांव जंड सराय में बिना सुपर एस.एम.एस.चल रही कंबाइन पकड़ी गई, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है और 50 हजार रुपये का पर्यावरण मुआवजा लगाया गया है।
डिप्टी कमिश्नर डा.हिमांशु अग्रवाल ने इस संबंधी अधिक जानकारी देते हुए बताया कि जिला प्रशासन ने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कृषि और पुलिस विभाग के अधिकारियों पर आधारित संयुक्त टीमों का गठन किया है, जिन्होंने जिले के गांवों का दौरा किया और कंबाइनों का निरीक्षण करने के अलावा जानकारी दी। किसान धान की फसल सुपर एस.एम.एस से कंबाइनों के साथ करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इसी कड़ी के तहत संयुक्त टीमों ने फिल्लौर तहसील के गांवों का दौरा किया, जिस दौरान दो कंबाइन मशीनें, जिन पर सुपर एस.एम.एस. लगा हुआ था, काम करती हुई पाई गई। इसके अलावा किसानों को पराली/फसल के उचित प्रबंधन के ढंगों के बारे में भी जागरूक किया गया।
डा. अग्रवाल ने कहा कि पराली/फसल अवशेष जलाने के रूझान पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा बहुआयामी रणनीति अपनाई गई है। पराली प्रबंधन के लिए जहां किसानों को सब्सिडी पर आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे है, वही निरंतर जागरूकता गतिविधियां के माध्यम से पराली न जलाने का संदेश भी घर-घर पहुंचाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि किसानों की मदद के लिए जिला प्रशासन द्वारा पहले ही एक हेल्पलाइन नंबर 0181-2225005 जारी किया गया है, जिस पर किसान पराली/फसल अवशेष प्रबंधन और कंबाइन पर सुपर एस.एम.एस. लगाने में सहायता के लिए संपर्क कर सकते है।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि किसानों के सहयोग से जिले में आग लगने की घटनाओं को रोका जाएगा। उन्होंने किसानों से पराली/अवशेष न जलाकर पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय सहयोग देने की अपील की।
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पर्यावरण इंजीनियर संदीप कुमार ने बताया कि निरीक्षण के दौरान किसानों को कंबाइन के साथ सुपर एस.एम.एस के प्रयोग से होने वाले लाभ के बारे में भी जानकारी दी उन्होंने कहा कि प्रशासन ने सुपर एसएमएस वाली कंबाइन से ही धान की कटाई करने के निर्देश जारी किए है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने पर पहले उल्लंघन पर 50,000 रुपये, दूसरे उल्लंघन पर 75,000 रुपये और तीसरे उल्लंघन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
इस दौरान ग्रामीणों ने पराली में आग न लगाने की शपथ भी ली।इसके अलावा गांव कोटला हेरां में भी पराली न जलाने बारे जागरूक किया गया। तहसीलदार शाहकोट गुरदीप सिंह संधू ने किसानों को पराली जलाने से निकलने वाले धुएं से पर्यावरण और मानव शरीर पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के बारे में बताकर इस रूझान को बंद करने का आग्रह किया।