जालंधर (Sukhwinder Singh)- डीएवी यूनिवर्सिटी के कॉमर्स, बिज़नेस मैनेजमेंट और इकोनॉमिक्स विभाग (सीबीएमई) ने स्ट्रैटेजिक पर्सपेक्टिवज़ पर दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस का आयोजन किया और “परफॉरमेंस इम्प्लिकेशन्स ऑफ़ इंटरनल एंड एक्सटर्नल ऑर्गेनाइज़ेशनल लिंकेजीज़” पर चर्चा की।
अपने उद्घाटन भाषण में आईआईएम बैंगलोर के निदेशक और आईआईएम इंदौर के पूर्व निदेशक प्रोफेसर ऋषिकेश टी कृष्णन ने स्ट्रेटेजी एक्सेक्यूशन में रिसोर्स मैनेजमेंट के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि टीम के सदस्यों के व्यक्तिगत नेटवर्क कनेक्शन जैसे कई अदृश्य संसाधनों ने लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कांफ्रेंस के पार्टिसिपेंट्स से भी बात की और अपने संबोधन के बाद उनके सवालों के जवाब दिए।
आईआईएम कोझीकोड के पूर्व निदेशक और आईआईएम लखनऊ के पूर्व प्रोफेसर और डीन (एए) प्रो कृष्ण कुमार ने एक्सेक्यूशन चैलेंजेस पर विचार-विमर्श किया और अपने की नोट एड्रेस में रणनीति कार्यान्वयन पर चर्चा के दौरान संचालन संसाधनों के अलावा संचालन संसाधनों के महत्व पर जोर दिया।
आईआईटी बॉम्बे से स्ट्रेटेजी के पूर्व प्रोफेसर और स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप, आईआईटी जोधपुर के पूर्व डीन प्रो. अतनु घोष सम्मेलन के दूसरे दिन मुख्य वक्ता थे। उन्होंने डिसरप्टिव इनोवेशन के बारे में बात की और विभिन्न्न संस्थाओं के लिए इसकी परफॉरमेंस के प्रभाव के बारे में बताया।
सम्मेलन हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया था और प्रतिनिधियों ने एक साथ ऑफ़लाइन और ऑनलाइन मोड में भाग लिया था। सम्मेलन के लिए भारत के विभिन्न राज्यों और अन्य देशों के अस्सी से अधिक शोधकर्ताओं ने पंजीकरण कराया। ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और ओमान के विद्वानों ने भी अपने शोध पत्र ऑनलाइन मोड में प्रस्तुत किए। सम्मेलन के विभिन्न तकनीकी सत्रों में 52 शोधपत्र प्रस्तुत किए गए।
पहले तकनीकी सत्र की अध्यक्षता एनआईटी जालंधर में प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ सोनिया चावला ने की। दूसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता जम्मू विश्वविद्यालय से प्रोफेसर डॉ. गुरजीत कौर ने की। दूसरे दिन व्यापार रणनीति और सामरिक एचआरएम पर तकनीकी सत्र आयोजित किए गए।
डीन, फैकल्टी ऑफ कॉमर्स, बिजनेस मैनेजमेंट एंड इकोनॉमिक्स (सीबीएमई) डॉ. गीतिका नागरथ ने डीएवी यूनिवर्सिटी की विशेषताओं के बारे में बताया। विभागाध्यक्ष डॉ. गिरीश तनेजा ने विभाग की उपलब्धियों के बारे में बताया।
समापन भाषण प्रो. कृष्ण कुमार ने दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि वैल्यू चेन के विभिन्न घटकों के हिसाब से प्रत्येक घटक के लिए एक चेकलिस्ट तैयार करके स्ट्रेटेजिक एक्सेक्यूशन को प्रभावी बनाया जा सकता है।
सम्मेलन का समापन कांफ्रेंस के संयोजक डॉ संदीप विज के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। डॉ सतिंदर कुमार और डॉ आशुतोष गुप्ता सह-संयोजक थे।