मजीठा थाना पुलिस अगर वक्त रहते मासूम राघव की बात सुन लेती तो आज नंगल पनवा के रहने वाले राघव शर्मा जीवित होते
परिजनों ने लगाए थाना मुंशी पर गंभीर आरोप ; कहा झूठे केसों में फंसाने की बात कर धमकता था राघव को
थाना मजीठा के अंतर्गत आते गांव नंगल पनवा में रहने वाले 22 वर्षीय युवक राघव शर्मा ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली । क्योंकि वह अपने ही पिता के जानने वाले मंदीप सिंह पुत्र दलबीर सिंह निवासी sg enclave phase 1 , जोकि उसके पिता का पुराना जानकार है ,उसकी धोखाधड़ी से परेशान था।
परिजनों ने बताया कि उनके जानकार मंदीप सिंह ने उनसे बेटे को सरकारी नौकरी दिलाने के लिए लाखों रुपये ले रखे है उसके बाद उससे भी बड़ी धोखेबाज़ी नौकरी के लिए दिए दस्तावेजों से बिना किसी को बताए गाड़ी खरीद ली और इस का राघव को पता चलने पर इसी बात को राघव शर्मा अपने कुछ गांव वालों के साथ थाना मजीठा में 1जुलाई को शिकायत करने गया तो ड्यूटी पर माजूद थाना मुंशी ने उसे बेइज्जत किया और किसी नशे के मामले में फ़साने की बात कही जिसके मृतक राघव कई दिनों से परेशान रहने लगा और शनिवार की दोपहर में गांव में बने मन्दिर में जाकर आत्महत्या कर ली।
बात यहीं खत्म नहीं हुई गांव के लोग जब मृतक के द्वारा उठाए गए कदम के बाद थाना पुलिस के पास पहुंचे और आरोपी पर कार्रवाई करने की बात कही तब भी थाना स्टाफ ने उनकी बात को अनसुना किया जिसके बाद गांव के सभी लोगों ने इकट्ठे होकर थाना मजीठा का घेराव कर आरोपी को गिरफ्तार करने और थाना मुंशी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए धरना लगा दिया जिसके बाद उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे और थाने में धरना दे रहे लोगों की बात सुन तुरंत प्रभाव से मुंशी के खिलाफ ऑर्डर जारी किया जिसके बाद परिजनों ने धरना खत्म कर दिया।
अब बात यह निकलती है कि अगर 1 जुलाई को ही थाना इंचार्ज या मुंशी जगरूप सिंह ने राघव शर्मा की बात को सीरियस तौर पर सुन लेते तो आज एक घर का चिराग बुझने से बचा जाता । अब आप ही बताएं कि ऐसे पुलिस वालों के रहते नशा खत्म करने की बातें करने वाली आप पार्टी की सरकार के संकल्प को कैसे पूरा कर सकती है।
जो बेकसूर नौजवानों को झूठे केस में फंसाने की बात कर डराने वाले पुलिस वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करने की जरुरत है ताकि और घरोँ के चिरागों को बुझने से बचाया जा सके।