श्री मनोरंजन कालिया पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भाजपा और पूर्व मंत्री पंजाब ने एक प्रेस बयान में कहा कि लोक प्रशासन पर सलाहकार कमेटी बनाना भारत के सविधान और उसकी भावनाओं के खिलाफ है I मुख्य सचिव प्रसाशन का मुखिया होता है और प्रदेश प्रसाशन IAS और PCS अफसरों के दुवारा चलाया जाता है I भारत का प्रसाशनिक ढांचा समय की कसौटी पर खरा उतरा है और भारत की सवतंतर्ता से लेकर अबतक ठीक काम कर रहा है और इसको सलाह देने के लिए किसी भी अस्थाई जा एडहॉक कमेटी की ज़रूरत नहीं I
मुख्यमंत्री के सलाहकार नियुक्त करने की तो प्रथा है परन्तु सरकार के सलाकार नियुक्त करने की कोई प्रथा नहीं, वह भी अगर प्रदेश प्रसाशन को प्रदेश का प्रसाशन चलाने के लिए हो I अतीत में मुख्यमंत्री के पद के लिए एक रुपया मासिक तनखाह लेने के कई उदाहरण है परन्तु कमेटी के चेयरमैन और उसके मेंबरों को सरकारी काम करने के लिए कोई तनखाह नहीं दी जाएगी समझ से बाहर है I क्योकि मुफ्त में कोई भी सरकारी काम नहीं करता I यह सरकार की शक्तियों को छीनने का दूसरा प्रयास है। पहले वाला एक ज्ञान साझा करने वाला समझौता है जिस पर दिल्ली सरकार और पंजाब सरकार द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं। इस प्रकार आम आदमी पार्टी खुले तौर पर स्वीकार कर रही है कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान सरकार के मुखिया होने के नाते सरकार चलाने में असमर्थ हैं और पार्टी स्वयं अपने मुख्यमंत्री की स्थिति को कम कर रही है। श्री कालिया ने पंजाब के राज्यपाल से हस्तक्षेप करने और पंजाब सरकार को मुख्यमंत्री की शक्तियों को आउटसोर्स करने के असंवैधानिक अधिनियम को रद्द करने का निर्देश देने की अपील की।