· अधिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानें राज्य की अर्थव्यवस्था को देंगी बढ़ावा : महिला किसान यूनियन
· बंद घरेलू हवाईअड्डों से उड़ानें बहाल करने की मांग
जालंधर, (Jatinder Rawat)- महिला किसान यूनियन की अध्यक्ष बीबी राजविंदर कौर राजू ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को मोहाली में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को प्राथमिकता देने और अमृतसर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की अनदेखी करने समेत राज्य के विभिन्न घरेलू हवाईअड्डों की हालात सुधारने और उड़ानें शुरू कराने में उपेक्षा करने का आरोप लगाया है।
आज यहां जारी एक बयान में महिला किसान यूनियन की अध्यक्ष बीबी राजविंदर कौर राजू ने कहा कि पंजाब की २૪ फीसदी हिस्सेदारी वाले मोहाली हवाई अड्डे से अतिरिक्त अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने के लिए कदम उठाना भगवंत मान का विचार अच्छा है लेकिन उन्हें अमृतसर के श्री गुरु राम दास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को नज़रअंदाज़ करना बहुत चिंता का विषय है क्योंकि पूरी दुनिया में पंजाबियों, खासकर सिखों की भावनाएं इस पवित्र शहर से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस हवाईअड्डे से और उड़ानें शुरू होने से राज्य के उद्योगों, सब्जियों, व्यापार, संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और राज्य में कर संग्रह भी बढ़ेगा क्योंकि यह हवाईअड्डा पंजाब सरकार के नियंत्रण में है।
महिला किसान नेता ने कहा कि उत्तर भारत के दूसरे सबसे बड़े हवाईअड्डे अमृतसर का रनवे पहले से ही आईएलएस कैट 3-बी सुविधा से लैस है जहां से अतिरिक्त अंतरराष्ट्रीय उड़ानें आसानी से संचालित की जा सकती हैं। इसके अलावा, यह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पंजाब और जम्मू–कश्मीर के निवासियों की जरूरतों को भी पूरा करता है।
बीबी राजू ने कहा कि मुख्यमंत्री मान अपनी विचारधारा कोई भी हो लेकिन एक ऐतिहासिक शहर और एक अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती शहर के रूप में उन्हें इस हवाई अड्डे पर भी अधिक ध्यान देना चाहिए और केंद्र पर यहां से और अधिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने के लिए दबाव बनाना चाहिए, जिसके लिए एनआरआई समुदाय भी दशकों से जोर दे रहा है।
महिला किसान नेता ने मुख्यमंत्री से जालंधर और हलवारा हवाई अड्डों को शीघ्र पूरा करने के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराने और बठिंडा, साहनेवाल और पठानकोट के घरेलू हवाई अड्डों से घरेलू उड़ानें फिर से शुरू करने की भी मांग की, जो कोरोना काल में बंद हो गए थे। इसलिये वह निजी एयरलाइंस सहित केंद्रीय मंत्रियों के मुलाकात करके राज्य के घरेलू हवाई अड्डों को पुनः चलाने के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाए।