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करतार सराभा ने अंतिम इच्छा में कहा था जब तक भारत स्वतंत्र नहीं होता तब तक मैं जन्म लेता रहूंगा यह मेरी आखिरी ख्वाहिश है: किशन लाल शर्मा

करतार सराभा की जन्मभूमि पंजाब को नशा मुक्त भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए हर युवा को आगे आना होगा: किशन लाल शर्मा

पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच की ओर से सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में करतार सराभा जी के जन्म दिवस पर अलग-अलग जगह पर हुए कार्यक्रम।

जालंधर (Jatinder Rawat ):- पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच की ओर से सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग जगह भारत माता के महान सपूत सरदार करतार सिंह सराभा जी का जन्म दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ देश भक्ति का गीत प्रणाम है उना बीरा नू जिना धर्म ते शीश कटाए ने गाकर किया गया।इस अवसर पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच के पंजाब प्रधान किशन लाल शर्मा ने कहा कि सरदार करतार सिंह सराभा भारत मां के महान सपूत थे।शर्मा ने कहा कि 16 नवंबर 1915 को जब करतार सराभा को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा जब फांसी पर चढ़ाया गया तो उनकी उम्र 19 साल थी व सरदार भगत सिंह ने सराभा को अपना गुरु माना था। शर्मा ने कहा कि सराभा जी का जन्म 24 मई 1896 को लुधियाना के सराभा में पैदा हुए थे।और शर्मा ने कहा कि पंजाब की धरती क्रांतिकारी वीरों की धरती है।इस धरती में अनेकों क्रांतिकारी वीरों ने जन्म लेकर इस भारत मां को आजाद करवाया है।इस आजादी को बरकरार रखना हर भारतवासी का कर्तव्य है। शर्मा ने कहा कि जब करतार सराभा को अदालत में आखिरी सुनवाई के लिए जब पेश किया गया तो उन्होंने पूछा कि मुझे क्या सजा होगी उम्रकैद या फांसी सराभा जी ने कहा मैं चाहता हूं मुझे फांसी मिले।और मैं एक बार फिर जन्म लूं।जब तक भारत स्वतंत्र नहीं होता तब तक मैं जन्म लेता रहूंगा यह मेरी आखिरी ख्वाहिश है।करतार सराभा की जन्मभूमि पंजाब को नशा मुक्त भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए हर युवा को आगे आना होगा।
इस अवसर पर हरदीप सिंह,राजू,अजमेर सिंह,बाबा दविंदर कलेर, गुरमीत औलोख, राजविंदर बुग्गा,अजित,मनप्रीत, हरजीत,सुखमिंदर, बलबीर अन्य मौजूद थे।

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