जालंधर फसलों की ई -गिरदावरी में पंजाब भर में अग्रणी, अब तक 12.27 लाख से अधिक इंदराज किये आनलाइन: डिप्टी कमिशनर घनश्याम थोरी

कहा कुल इंदराजों का 94 प्रतिशत कुछ ही दिनों में किया आनलाइन

मौजूदा सीज़न की ई -गिरदावरी को 25 मार्च तक पूरा करने को यकीनी बनाने के भी दिए निर्देश

जालंधर-               डिप्टी कमिशनर घनश्याम थोरी ने आज बताया कि जालंधर ज़िले की तरफ से हाड़ी सीज़न -2022 के लिए फसलों की अब तक 12,27,289 गिरदावरियाँ आनलाइन की जा चुकी हैं, जो कि कुल ऐंटरियों के मामलो में राज्य में सबसे अधिक हैं।

               विशेष मुख्य सचिव (माल) वी.के. जंजूआ की अध्यक्षीय में हुई वर्चुअल समीक्षा बैठक में भाग लेते डिप्टी कमिशनर घनश्याम थोरी ने बताया कि अब तक कुल गिरदावारियें में से 94 प्रतिशत आनलाइन हो चुकी है,जबकि बाकी 6प्रतिशत को निर्धारित समय में पूरा किया जाना है। उन्होंने बताया कि ज़िले में इस कार्य को पूरा करने के लिए 10 मार्च को एक विशाल कवायद की शुरूआत की गई थी, जिस के अंतर्गत कुल 13,07,555 इंदराजों में से 12,27,289 खसरा नंबर आनलाइन किये जा चुके हैं।

                उन्होंने बताया कि जालंधर -1तहसील में 128832 खसरा इंदराज ऑनलाइन किये जा चुके हैं। इसी तरह शाहकोट सब -तहसील में 108461, जालंधर -2में 95607, फ़िल्लौर में 121562, लोहियाँ में 64334, नकोदर में 117398, करतारपुर में 72618, भोगपुर में 110158, नूरमहल में 136734, आदमपुर में 102455, महतपुर में 63696 और गोराया में 105434 खसरा इंदराज आनलाइन किये जा चुके हैं।

               प्राजैकट के बारे बताते हुए डिप्टी कमिशनर ने कहा कि डिजीटाईज़ेशन की दिशा में एक ओर कदम उठाते राज्य सरकार की तरफ से फ़सलों की ई -गिरदावरी करने के आदेश दिए गए थे। उन्होंने कहा कि ई -गिरदावरी एक दस्तावेज़ है, जिसमें पटवारी की तरफ से मालिक का नाम, काश्तकार का नाम, ज़मीन /खसरा नंबर,क्षेत्र, ज़मीन की किस्म, खेती और ग़ैर खेती क्षेत्र, सिंचाई के साधन, फ़सल का नाम और इसकी हालत, मालीया और मालीए की दर आदि को साल में कम से -कम दो बार दर्ज किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस साल पटवारियों को अपने -अपने अधिकार क्षेत्रों का दौरा करते हुए सीधा फील्ड में से ई -गिरदावरी रिपोर्ट दाख़िल की जा रही है।

               घनश्याम थोरी ने बताया कि हाड़ी सीज़न 2022 के लिए जालंधर ज़िले में 12,27,289 ई -गिरदावारियो  को सफलतापूर्वक दर्ज किया जा चुका है जबकि आधिकारियों को यह काम 25 मार्च, 2022 तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। डिप्टी कमिशनर ने कहा कि ई -गिरदावरी को आनलाइन करने के लिए कई आधिकारियों को ज़िम्मेदारी सौंपी गई है और सौ प्रतिशत रिकार्ड को निर्धारित समय में आनलाइन कर दिया जायेगा।

               इस सम्बन्धित जानकारी देते हुए डी.ऐस.ऐम रिम्पल गुप्ता ने बताया कि ज़िले ने सबसे अधिक इंदराज कर अग्रणी स्थान हासिल किया है ,जबकि बाकी रहते इंदराज 25 मार्च तक आनलाइन किये जाने हैं।

               इस दौरान विशेष मुख्य सचिव (माल) वी.के जंजूआ ने डिप्टी कमिशनर घनश्याम थोरी के नेतृत्व में ज़िला जालंधर की तरफ से इस व्यापक कार्य को उचित और समयबद्ध ढंग के साथ पूरा करने के लिए किये प्रयास की प्रशंसा की।

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