कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने आम आदमी पार्टी से वही सवाल पूछे थे, जो अब राज्यपाल ने पूछे हैं। कहा कि मुख्यमंत्री को भ्रष्टाचार और असंवैधानिक फैसलों के गंभीर आरोपों का जवाब देना चाहिए
आदमपुर (Parmjit Singh)- शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान कह रहे हैं कि राज्य के राज्यपाल उनसे कोई सवाल नही कर सकते, क्योंकि वह ‘चुने हुए’ यां ‘‘निर्वाचित’ नही हैं, लेकिन उन्हे बताना चाहिए कि पंजाब के मामलों को चलाने के लिए वे आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को अनुमति क्यों दी जा रही हैं?
अकाली दल अध्यक्ष ने कहा,‘‘ मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि ‘‘ क्या अरविंद केजरीवाल पंजाब से चुने गए हैं?’’ उन्होने कहा कि इसी तरह दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया , जोकि पंजाब से नही चुने गए थे, ने राज्य की आबकारी नीति तैयार की थी। उन्होने कहा , ‘‘ यहां तक कि राघव चडडा सीधे तौर पर पंजाबियों द्वारा नही चुने गए फिर भी सिविल और पुलिस पोस्टिंग के निर्णय क्यों ले रहे हैं’’।
यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री राज्य में असंवैधानिक संकट के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं। उन्होने पंजाब के मामलों को आप दिल्ली नेतृत्व को सौंप दिया है, जोकि असंवैधानिक है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री उन सवालों का जवाब देने से इंकार कर रहे हैं जो राज्यपाल ने उनसे पूछे हैं,जोकि भ्रष्टाचार और अवैध फैसलों से संबधित हैं तथा यही सवाल राजनीतिक पार्टियों ने पूछे थे। उन्होने कहा कि राजनीतिक दलों और नागरिकों ने आरटीआई के माध्यम से अपने उत्तर पाने का प्रयास किया , लेकिन उन्हे रोक दिया गया । उन्होने कहा कि इसके बाद राज्यपाल से संपर्क करके राजनीतिक पार्टियों मुख्यमंत्री द्वारा आप पार्टी सरकार द्वारा लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देने के लिए कहा था।
सरदार बादल ने कहा कि अकाली दल हमेशा संघवाद का समर्थक रहा है और राज्य के मामलों में केंद्रीय हस्तक्षेप के खिलाफ रहा है। उन्होने कहा, ‘‘ हालांकि राज्यपाल द्वारा उठाए गए मुददे भ्रष्टाचार और यहां तक कि असंवैधानिक नियुक्तियों के साथ साथ छात्रवृत्ति का भुगतान नही करने के कारण अनुसूचित जाति के 2.5 लाख छात्रों की पढ़ाई बंद करने से संबंधित है। उन्होने कहा कि आप पार्टी की सरकार को जनभलाई के इन मुददों पर स्पष्टीकरण देने से पीछे नही हटना चाहिए। उन्होने बताया कि कैसे अकाली दल ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से संपर्क कर उनसे अनुरोध किया था कि पंजाब के बाहरी राज्यों हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब के बाहर सरकार द्वारा जारी अपनी पार्टी का प्रचार करने के लिए जारी किए गए सभी विज्ञापनों के लिए जवाबदेह ठहराना चाहिए। उन्होने कहा कि हमने आम आदमी पार्टी से अन्य राज्यों में विज्ञापनों में सरकार द्वारा बर्बाद किए गए सार्वजनिक धन राशि की वसूली की मांग की है।
सरदार बादल ने कहा कि एक साल में विज्ञापनों के लिए 750 करोड़ रूपये आवंटित करने सहित सरकार की गलत नीतियों के कारण लोग परेशानी का सामना कर रहे हैं, इस पैसे का इस्तेमाल विभिन्न सामाजिक भलाई योजनाओं पर किया जा सकता था। उन्होने उदाहरण देते हुए बताया,‘‘ इनमें आर्शीवाद योजना भी शामिल है, जिसके तहत पिछले दस महीनों से सरकार द्वारा कमजोर वर्गों के नवविवाहितों को 51 हजार रूपये के ‘‘ शगुन’’ वितरित नही किए गए है।
सरदार बादल ने प्रमुख अखबारों में पूरे पेज के विज्ञापन निकालने के लिए आप पार्टी की सरकार की निंदा करते हुए कहा कि इसने 2.5 लाख नौजवानों को नौकरी देने के अलावा 40 हजार करोड़ रूपये का निवेश आकर्षित किया है। यह कहते हुए कि मुख्यमंत्री सफेद झूठ बोल रहे हैं , सरदार बादल ने कहा, ‘‘ राज्य में कोई निवेश नही आया है, वास्तव में उद्योग उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों की ओर जा रहा है। उन्होने जोर देकर कहा मुख्यमंत्री को राज्य में स्थापित किए गए नए उद्योगों के पते सूचीबद्ध करने चाहिए। उन्होने कहा कि इसी तरह भगवंत मान के 2.5 लाख नौकरियां देने के दावे पर विश्वास किया जाए तो इसका मतलब है कि राज्य के प्रत्येक गांव में 20 नौकरियां दी गई हैं। ‘‘ यह सरासर झूठ है। मैं मुख्यमंत्री को 500 नौजवानों के नाम देने की चुनौती देता हूं , जिन्हे नौकरी दी गई है’’।
सरदार बादल ने जालंधर जिले के आदमपुर विधानसभा हलके के दौरे के दौरान गुरुद्वारा शहीद निहाल सिंह जी ,टाल्हां और निर्मल कुटिया, जोहलां में नतमस्तक हुए, जहां उन्होने संत बाबा जीत सिंह जी से आर्शीवाद लिया तथा बाद में गांव उच्चा में डेरा बापू मंगल दास जी के दर्शन किए।
इसके अलावा अकाली दल अध्यक्ष ने विभिन्न समारोहों में भाग लिया और गांव तलहन , हजारा, ढडोर, उच्चाऔर अन्य में स्थानीय निवासियों से बातचीत की।
इस दौरान सरदार बादल के साथ पूर्व विधायक और आदमुर हलके के प्रभारी पवन टीनू, जालंधर कैंट के पूर्व विधायक जगबीर सिंह बराड़ और बसपा नेता बलविंदर कुमार भी मौजूद थे।