*जल की स्वच्छता के साथ, मन की स्वच्छता भी। आवश्यक—–सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज
लुधियाना (रछपाल सहोता)75वें ‘अमृत महोत्सव’ के तत्वावधान् में सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के पावन कर कमलों द्वारा आज प्रात ‘अमृत परियोजना’ के अंतर्गत ‘स्वच्छ जल स्वच्छ मन’ का शुभारम्भ किया गया। इसके साथ ही सत्गुरु माता जी के पावन आशीर्वाद से यह परियोजना अंतर्गत सतलुज दरिया की सफाई की गई । श्री हरभजन सिंह चावला जी मेंबर इंचार्ज ब्रांच एडमिन ने जानकारी देते हुए बताया कि यह सफाई अभियान समूचे भारतवर्ष के 1100 से अधिक स्थानों के 730 शहरों, 27 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में एक साथ आयोजित किया गया है जिसमें निरंकारी सेवादल के सदस्यों द्वारा सतलुज दरिया की सफाई की गई व कई स्थानों पर पौधे भी लगाए गए । इस मौके पर शहर की कई गणमान्य राजनैतिक लोगों ने आकर कार्यक्रम में भाग लिया और इस कार्यक्रम का हिस्सा भी बने।
बाबा हरदेव सिंह जी की शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए संत निरंकारी मिशन द्वारा निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के दिव्य निर्देशन में ‘अमृत परियोजना’ का आयोजन हुआ।
इस परियोजना का शुभारम्भ करते हुए सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने जल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि परमात्मा ने हमे यह जो अमृत रूपी जल दिया है तो हम सभी का कर्त्वय बनता है कि हम सब उसकी उसी तरह संभाल करे। स्वच्छ जल के साथ साथ मनों का भी स्वच्छ होना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि इसी भाव के साथ हम संतो वाला जीवन जीते हुए सभी के लिये परोपकार का ही कार्य करते है।