· 86 फीसदी किसान कम दामों पर व्यापारियों को मूंगी बेचने को मजबूर : महिला किसान यूनियन
जालंधर (Jatinder Rawat ) महिला किसान यूनियन ने पंजाब की आम आदमी सरकार द्वारा किसानों को वैकल्पिक फसल के रूप में मूंगी बोने और पूरी खरीद करने के लिए दिए झांसे की निंदा करते हुए कहा है कि चालू सीजन में लगभग 86 प्रतिशत मूंगी की फसल की सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम कीमत पर बिक्री हुई है जिसके कारण भगवंत मान सरकार मूंगी उत्पादकों को हुए वित्तीय नुकसान की भरपाई के लिए कम से कम 2,500 रुपये प्रति क्विंटल मुआवजा दे।
आज यहां पत्रकारों से बात करते हुए महिला किसान यूनियन की अध्यक्ष बीबा राजविंदर कौर राजू ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार एक लाख एकड़ से अधिक रकबे में बोई गई मूंगी की फसल से लगभग 4.5 लाख क्विंटल उत्पादन का लक्ष्य था, जिसमें से आप सरकार ने अपने वादे के विपरीत बहुत कम फसल खरीदी है।
खरीद विवरण का खुलासा करते हुए, महिला किसान नेता ने कहा कि सरकारी दावों के विपरीत, खरीद एजेंसी मार्कफेड ने केवल 48,062 क्विंटल (11.84%) ही मूंगी एमएसपी खरीदी है जबकि व्यापारियों ने 3,57,912 क्विंटल (88.16%) मूंगी खरीदी है, जिसे उन्होंने तय एमएसपी से कम कीमत पर खरीदा है। उन्होंने कहा कि मूंगी बेचने के लिए किसानों को कई दिनों तक मंडीयों में इंतिज़ार करना पड़ा।
मूंगी उत्पादकों के साथ हुई इस वादा खिलाफ़ी के बारे में बात करते हुए बीबा राजू ने कहा कि आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 86 फीसदी किसानों ने 7,275 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी के नियत भाव से कम दाम पर बिकी की है, जबकि कुछ मण्डीयों में व्यापारियों ने मूंगी को 3,000-3,500 रुपये प्रति क्विंटल के बेहद कम भाव पर खरीदा है जिससे किसानों को भारी वित्तीय नुकसान झेलना पड़ा है।
किसान नेता ने पंजाब सरकार से मांग की कि मूंगी उत्पादकों को हुई क्षति को देखते हुए एक हजार रुपए प्रति क्विंटल की बजाय 2500 रुपए प्रति क्विंटल का मुआवजा तुरंत दिया जाए ताकि भविष्य में किसान वैकल्पिक फसल उगाने के लिए हतोत्साहित न हों।