कपूरथला (Ajay Sabbrawal)- पुष्पा गुजराल साइंस सिटी की ओर से पंजाब विज्ञान व तकनीकी परिषद चंडीगढ़ से मिलकर अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा के अधिकार दिवस पर एक वेबिनार करवाया गया। वेबिनार में पंजाब के अलग-अलग विद्ययक संस्थाओं से 100 के करीब विद्यार्थियों व अध्यापकों ने भाग लिया। इस दिवस को मनाने का इस बार थीम “नवीनतकारी व नौजवानों के बेहतर भविष्य के लिए बौद्धिकता का अधिकार’ है।
इस मौके पर विद्यार्थियों व अध्यापकों को संबोधित करते हुए पुष्पा गुजराल साइंस सिटी की डायरेक्टर जनरल डा.नीलिमा जेरथ ने कहा कि विश्व बौद्धिक संपदा का अधिकार दिवस हर साल नवीनता, सिरजनात्मकता प्रति उत्साह व प्रत्येक व्यक्ति को पेटेंट, कॉपी राइट, ट्रेड मार्क, औद्योगिक डिजाइन अर्थात संपदा के अधिकार की महत्ता प्रति जागरुकता पैदा करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। आविष्कार व सिरजनात्मक यत्न किसी भी देश के आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने व स्थायी आर्थिकता के मुकाबले के लिए ड्राइवर का काम करते है। भारत सरकार की उत्साहित स्कीमों “मेक इन इंडिया, “स्किल इंडिया’ और “अब आत्म निर्भर’ के प्रयत्नों से भारत पेटेंट फाइल की गतिविधियां बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री 4.0 इस बात का गवाह है कि जहां विश्व स्तर पर नए-नए आविष्कार में बढ़ौतरी हुई है। वहीं खास कर आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस व मशीन लर्निंग के क्षेत्र में बहुत सी चुनौतियां भी हैं। बौद्धिक संपदा उत्पाद व उद्योग का बहुत ही महत्वपूर्ण अटूट अंग है और इस ने रोजगार के बहुत से अवसर पैदा किए है। भारत की जीडीपी में भी इसकी बड़ सहभागिता है।
पंजाबी यूनिर्वसिटी पटियाला के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के इंचार्ज व डिप्टी कोआर्डीनेटर (आईपीआर) डा.बलविंदर िसंह सूच मुख्य प्रवक्ता के तौर पर उपस्थित हुए। उन्होंने उभरते खोजकारों व स्टार्टअप के लिए बौद्धिकता का अधिकार विषय पर लेक्चर देते हुए कहा कि भारतीय कानून प्रणाली में नौजवान खोजकारों के लिए अपनी आयु, डिजाइन, ट्रेड मार्क व दूसरी आइटमों की सुरक्षा का कानूनी प्रावधान है। किसी भी अद्वितीय उद्यम की शुरुआत में बौद्धिक संपदा सुरक्षा अच्छे भविष्य की रुपरेखा के लिए अहम भूमिका निभा सकती है। क्योंकि इस सख्त मुकाबले के दौर में यह बिना मुकाबले अच्छा स्थान दिला सकता है। इस कारण नौजवानों व उभर रहे खोजकारों को अपने विचारों को हकीकत में बदलने व लक्ष्यों की प्राप्ती के लिए बौद्धिक संपदा के अधिकार की सुरक्षा लेते हुए खोज भरपूर कार्यों से आगे आना चाहिए। अंत में उन्होंने नौजवानों को अपने बौद्धिक संपदा अधिकार पहल के आधार पर सुरक्षित रखने व दूसरों के बौद्धिक संपदा अधिकारों का सम्मान करने का संदेश दिया।
इस मौके पंजाबी यूनिर्वसिटी पटियाला के बायोटेक्नोलॉजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डा.मिन्नी सिंह, जीएनए यूनिर्वसिटी के पूर्व इनक्यूबिटी (उद्यमी खोजकार) कार्ड एप्लीकेशन इंजीनियर चरणजीत सिंह व विंजरापू साई तेजा एनडीटी इंजीनियरों ने अपने तर्जुबें विद्यार्थियों के साथ सांझा किए।
साइंस सिटी के डायरेक्टर डा.राजेश ग्रोवर ने टेक्नोलॉजी के इस दौर में उभरते खोजकारों व अद्वितीय उद्यमियों को बौद्धिक संपदा प्रति जागरुक होने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस नाजुक दौर में नौजवान व खास तौर पर लघु, छोटे व मध्यवर्गीय उद्योग हमारे सामने आने वाली दरपेश चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहे।
इस मौके बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर करवाए गए पोस्टर बनाने के मुकाबले में पंजाब खेतीबाड़ी यूनिर्वसिटी लुधियाना के खेतीबाड़ी कालेज व बागबानी व जंगलात कालेज की मनप्रीत कौर व सिमरनप्रीत कौर ने क्रमवार पहला व दूसरा स्थान प्राप्त किया। इसी तरह श्री एलबीएस आरिया कालेज बरनाला की कोमल कौर ने तीसरा स्थान हासिल किया। वहीं देश भगत यूनिर्वसिटी मंडी गोबिंदगढ़ की जसप्रीत कौर व जसमीत कौर तथा सरकारी कालेज विजनस व कार्मस एडमिस्ट्रेशन चंडीगढ़ की गिन्नी ने प्रमाण पत्र हासिल किए।