जालंधर (Jatinder Rawat)- डीएवी यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित तीन दिवसीय पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम में दस वर्षीय आत्मन जमवाल ने साबित कर दिया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है। दिल्ली पब्लिक स्कूल जालंधर में चौथी कक्षा में पढ़ने वाले आत्मन ने उम्र में खुद से बड़े प्रतियोगियों को पोस्टर मेकिंग में हराया और दूसरा स्थान हासिल किया। आत्मन उम्र में सबसे छोटे पार्टीसिपेंट थे।
कार्यक्रम मिनिस्ट्री ऑफ़ एनवायरनमेंट, फॉरेस्ट्री और क्लाइमेट चेंज (एमओईएफ और सीसी) द्वारा शुरू किए गए मिशन लाइफ के तहत आयोजित किया गया था। इसे पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (पीएससीएसटी) द्वारा प्रायोजित किया गया था।
आत्मन के अलावा, कैंब्रिज स्कूल के एक अन्य युवा छात्र हेमिश ने लगभग सभी कार्यक्रमों में भाग लिया और उनमें से कई में पुरस्कार जीते।
कार्यक्रम में 1000 से अधिक छात्रों की भागीदारी थी। इसका उद्देश्य युवाओं को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और रीसाइक्लिंग का महत्व बताना था।
ग्रीन ब्रिगेड प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ हरप्रीत सिंह ने दर्शकों को ठोस कचरे की रीसाइक्लिंग के विभिन्न तरीकों से परिचित कराया। हरियावल पंजाब के राज्य सह-संयोजक श्री पुनीत ने रीसाइक्लिंग के लिए कचरे को अलग करने के महत्व पर प्रकाश डाला। भारतीय प्रदूषण नियंत्रण एजेंसी की महाप्रबंधक रीना चड्ढा ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में युवाओं की भूमिका पर जोर दिया और छात्रों को इंटर्नशिप विकल्पों और रोजगार के अवसरों के बारे में शिक्षित किया।
कार्यक्रम के समापन पर सीईओ, सूर्या केमिकल्स के गौतम शर्मा ने खतरनाक कचरे की रीसाइक्लिंग के विभिन्न तरीकों की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि इस्तेमाल किए गए खाना पकाने के तेल से बायो-डीजल बनाने में किया जाता है। उन्होंने कहा कि कचरे को कम करने और इसकी रीसाइक्लिंग से पर्यावरण प्रदूषण को रोकने में मदद मिल सकती है।
डीएवी यूनिवर्सिटी के वाईस-चांसलर डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि छात्रों ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और रीसाइक्लिंग के बारे में काफी ज्यां प्राप्त किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पार्टिसिपेंट्स इस ज्ञान का अपने दैनिक जीवन में उपयोग करेंगे और एक स्वच्छ और हरित भविष्य की दिशा में योगदान देंगे।
सभी प्रतियोगिताओं का संयोजन केमिस्ट्री डिपार्टमेंट से डॉ. रेखा गाबा द्वारा किया गया।