जालंधर- डीएवी यूनिवर्सिटी जालंधर ने “लर्निंग टू कम्पोज़ मीनिंग इन द एज ऑफ आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेन्स” विषय पर एक गेस्ट लैक्चर का आयोजन किया। न्यूयॉर्क सिटी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी में अंग्रेजी के असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ. पैट्रिक कॉर्बेट द्वारा दिए गए व्याख्यान में विभिन्न शैक्षणिक विषयों और संस्थानों से संबद्ध लोग शामिल हुए।
डीएवी यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी विभाग के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में अर्थ को समझने, बनाने और व्याख्या करने के मानवीय अनुभव पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के प्रभाव पर चर्चा की गई। डॉ. पैट्रिक कॉर्बेट भाषा, तकनीक और साहित्य के विशेषज्ञ हैं।
डॉ. कॉर्बेट ने मानव अभिव्यक्ति और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बीच विकसित होते संबंधों पर अपने व्यावहारिक दृष्टिकोण से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरे व्याख्यान के दौरान, उन्होंने उपस्थित लोगों को वास्तविक दुनिया के उदाहरणों से जोड़ा।
उन्होने बताया कि एआई साहित्य और संचार जैसे क्षेत्रों को नया स्वरूप दे रहा है। डॉ. कॉर्बेट ने एआई-संचालित भविष्य के लिए छात्रों को तैयार करने में शिक्षा जगत की भूमिका के बारे में भी बात की।
डीएवी यूनिवर्सिटी के वाइस चान्सलर डॉ. मनोज कुमार ने लैक्चर कि प्रासंगिकता पर जोर दिया। डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि डॉ. पैट्रिक कॉर्बेट का लैक्चर मानव संचार और अभिव्यक्ति पर एआई के परिवर्तनकारी प्रभाव की गहरी समझ को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा।
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नकुल कुंद्रा ने एआई और अर्थ संरचना द्वारा उत्पन्न जटिल चुनौतियों पर बात करने के लिए डॉ. कॉर्बेट की सराहना की।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों में सीबीएमई और हुमेनीटीज़ की डीन डॉ. गितिका नागरथ, असिस्टेंट प्रोफेसर मोनिका सुपाहिया, दिलदार सिंह, सिमरत कौर, डॉ. पूनम, लैला नरगिस, शुबैन्दु गोस्वामी और असिस्टेंट प्रोफेसर दिग्विजय सिंह शामिल थे।