पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच ने डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान बड़ी श्रद्धा पूर्वक मनाया।
जालंधर (Sukhwinder Singh )पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच की ओर से भारत माता के महान सपूत डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस लकड़ मार्किट जगत पूरा में बड़ी श्रद्धा पूर्वक मनाया गया।इस अवसर पर भारत माता की जय वंदे मातरम जहां हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है जो कश्मीर हमारा है वह सारे का सहारा है नारे लगाए गए।
इस अवसर पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच पंजाब प्रधान किशन लाल शर्मा ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपना पूरा जीवन भारत मां की धरती के लिए समर्पित कर दिया था और कहा कि 23 जून को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की पुण्यतिथि है यह पुण्य तिथि और सामान्य हैं। और सुधारन के लिए कहा जाएगा अखंड भारत के लिए डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा था कि भारत में यानी एक देश में दो निशान दो विधान एवं 2 प्रधान नहीं चलेंगे उन्होंने भारतीय संसद में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को कहा था कि या तो मैं संविधान की रक्षा करूंगा नहीं तो अपने प्राण दे दूंगा हुआ भी यही डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर बिना जम्मू-कश्मीर गए उन्हें शेख अब्दुल्ला की सरकार ने गिरफ्तार किया उन्होंने एक कहा कि मैं इस देश का सांसद हूं मुझे अपने देश में कहीं जाने से आप कैसे रोक सकते हैं उन्हें गिरफ्तार किया गया गिरफ्तारी के कुछ ही दिनों बाद उन्हें मृत घोषित किया गया। वे अखंड भारत के लिए बलिदान देने वाले पहले भारतीय थे जो जन संघ के अध्यक्ष के रूप में वहां गए थे 23 जून को इसी बलिदान दिवस को भारतवासी कभी भुला नहीं सकते। शर्मा ने कहा कि डॉ मुखर्जी ने क्या तपस्या बलिदान देकर भारत मां की सेवा की और डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक ऐसे धर्म निष्ट न्याय प्रिय और राष्ट्र भगत के नाम से जाने रहेंगे।
इस अवसर पर सरदार गुरप्रीत सिंह रिंकू ने कहा कि युवाओं को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन से प्रेरणा लेकर समाज में बढ़ रही सामाजिक बुराइयों को खत्म करने के लिए आगे आना होगा और कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जम्मू कश्मीर की लड़ाई लड़ने वाले पहले भारतीय थे।जिन्होंने अपना बलिदान दिया था।
इस अवसर पर कमलप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, सुखविंदर सिंह, जसपाल सिंह, हरविंदर सिंह, काला, अमरीक सिंह,आदि सभी ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।