जालंधर (Jatinder Rawat)- पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (पीएससीएसटी) ने पंजाब में ग्रासरूट इनोवेटर्स (ग्रिप) कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कैपेसिटी बिल्डिंग कार्यक्रम नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के साथ मिलकर डीएवी यूनिवर्सिटी में शुरू किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य में जमीनी स्तर पर हो रही इन्नोवेशंस को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम में लगभग 200 लोगों ने भाग लिया।
कार्यक्रम किसी वैज्ञानिक या तकनीकी जानकारी के बिना इनोवेशन करने वाले साधारण लोंगो की मैपिंग करेगी और उन्हें आइडियाज को हकीकत में बदलने के लिए संस्थागत सहायता प्रदान करेगा। डीएवी यूनिवर्सिटी, जालंधर ग्रिप के लिए नॉलेज पार्टनर के तौर पर सहयोग करेगा।
ग्रिप को विस्तार से बताते हुए परियोजना वैज्ञानिक अखिल शर्मा ने कहा कि यह कार्यक्रम पंजाब के लिए महत्वपूर्ण है और राज्य के निवासी अपनी व्यवसायिक स्पिरिट के लिए जाने जाते हैं। शर्मा ने कहा कि इन इनोवेशन का राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर रिकॉर्ड रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ग्रिप के प्रधान वैज्ञानिक अधिकारी व राज्य नोडल प्रभारी डॉ अल्केश कंदोरिया विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्मस के माध्यम से परियोजना के लिए प्रचार सुनिश्चित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर्स संजय नायक और नवदीप कौर इस संबंध में लोगों के प्रश्नों का समाधान कर रहे हैं।
एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर-कम-मेंबर सेक्रेटरी, पंजाब बायो डाइवर्सिटी बोर्ड डॉ जतिंदर कौर अरोड़ा ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से बातचीत करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम छात्रों, उद्योग श्रमिकों, ग्रामीण किसानों और फैकल्टी सदस्यों के लिए खुला है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगर, मैकेनिक और सेल्फ एम्प्लॉयड लोग भी इस कार्यक्रम का लाभ उठा सकते हैं।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए डीएवी विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर डॉ मनोज कुमार ने कहा कि यह कार्यक्रम इन्नोवेशंस की खोज के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा। उनके अनुसार कभी-कभी सामान्य लोग जटिल समस्याओं के सरल समाधान निकल कर चकित कर देते हैं। इस तरह के इन्नोवेशंस को स्टार्टअप्स में बदल सकते हैं।